प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ का शुभारंभ किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे.
देश की महिलाओं के लिए आज के दिन को एक बड़े पर्व जैसा बताते हुए पीएम ने कहा कि आज कई रिकॉर्ड बने हैं. एक दिन में 1.5 करोड़ खाते खुलना एक रिकार्ड है.
योजना की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आर्थिक छुआछूत को दूर कर गरीबों को बैंकिग के जरिए अर्थव्यस्था की मुख्यधारा से जोड़ना है.
उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से हर परिवार के दो बैंक खाते खुलेंगे और महिलाओं को अपना पैसा सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
बैंकों को गरीब आदमी की पहुंच से दूर बताते हुए पीएम ने कहा कि आजादी के 68 साल बाद भी देश के 68 प्रतिशत लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं.
देशभर में 76 केंद्रों से एकसाथ इस योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत हर खाताधारक को एक डेबिट कार्ड और एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा. आगे चलकर उन्हें बीमा और पेंशन उत्पादों के दायरे में भी लाया जाएगा.
पीएम ने बैंक खाते को गरीबों के लिए अतिआवश्यक बताते हुए कहा कि एक बैंक खाता खुल जाने के बाद हर परिवार को बैंकिंग और कर्ज की सुविधाएं सुलभ हो जाएंगी. इससे उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने, आपातकालीन ज़रूरतों के चलते पैदा होने वाले वित्तीय संकटों से खुद को दूर रखने और तरह-तरह के वित्तीय उत्पादों से लाभान्वित होने का मौका मिलेगा.
इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने इसके तहत दिया जाने वाला बीमा कवर बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का भी फैसला किया. बशर्ते योजना शुरू होने के पहले 100 दिन के भीतर बैंक खाता खुलवाना होगा.
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी. इसके तहत सरकार अगस्त, 2018 तक 7.5 करोड़ परिवारों को दो बैंक एकाउंट उपलब्ध कराएगी.
योजना की मुख्य बातें:-
1.प्रधानमंत्री वित्तीय समावेश पर 28 अगस्त 2014 को ‘प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) नामक राष्ट्रीय मिशन का शुभारम्भ करेंगे.
2. यह मिशन दो चरणों में लागू होगा.
3. पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:-
= पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना.
= सभी परिवारों को एक लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर सहित रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध कराना। इसके अलावा खाते का छह महीने तक संतोषजनक परिचालन होने के बाद आधार से जुड़े खातों पर पांच हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति भी दी जायेगी.
= वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू करना जिसका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को ग्राम स्तर तक ले जाना है.
= इस मिशन में लाभार्थियों के बैंक खातों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अधीन प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का विस्तार भी शामिल है.
4. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को रुपे किसान कार्ड के रूप में जारी करना भी योजना के अधीन प्रस्तावित है.
5. चरण दो 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा.
= लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना.
= बिजनेस कॉरसपोंडेंट (बीसी) के माध्यम से स्वावलम्बन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरू करना.