भारत और रूस के बीच 16 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इनमें सबसे प्रमुख समझौता रक्षा क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा में सहयोग है। दोनों देश मिलकर कामोव 226टी सैन्य हेलीकॉप्टर और 12 परमाणु संयंत्रों का निर्माण करेंगे। इसमें भारत की स्थानीय कंपनियों की भी भागीदारी होगी। इनके अलावा दोनों देशों के नागरिकों और राजनयिक पासपोर्ट रखने वालों की आवाजाही के लिए कुछ श्रेणियों में नियम क़ायदों को सरल बनाया जाएगा। दोनों देशों के बीच रेलवे सेक्टर में तकनीकी सहयोग पर सहमति बनी है। भारत में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने और प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग पर समझौते हुए हैं। साथ ही रूस में तेल खनन को लेकर करार हुए हैं।
मॉस्को में गुरुवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 16वीं सालाना शिखर वार्ता के दौरान रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और निवेश बढ़ाने समेत कई मसलों पर बातचीत हुई। शिखर वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कामोव हेलीकॉप्टर का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत पहली बड़ी सैन्य परियोजना है।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों में भेदभाव किए बिना आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है। भारत में दो जगहों पर 12 रूसी परमाणु रिएक्टर बनाने के मामले में दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि तमिलनाडु में रूस के सहयोग से बनाए जा रहे कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की दूसरी इकाई अगले कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएगी वहीं यूनिट तीन और चार को लेकर बातचीत चल रही है। पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन और दोनों देशों की सालाना बैठक के दौरान राष्ट्रपति पुतिन भारत आएंगे। उन्होंने रूसी कंपनियों को भारत में निवेश का न्यौता दिया है। व्लादिमीर पुतिन के साथ सीईओ मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत को निवेश के लिए बेहद आकर्षक जगह बताया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने आर्थिक विकास को गति देने के लिए अनुकूल माहौल बनाया है। दोनों देशों ने 10 साल में कारोबार को 30 अरब डॉलर करने का भी लक्ष्य रखा है जो फिलहाल 10 अरब डॉलर के करीब है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में गुरुवार रात भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-रूस के संबंध बहुत गहरे हैं। उन्होंने कहा कि रूस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा और ये दोस्ती सिर्फ लेन-देन तक सीमित नहीं हैं।