
File Photo ( PTI )
केन्द्र सरकार और बीजेपी ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्द सईद के विवादित बयान से खुद को अलग कर लिया है. लोकसभा में सईद के बयान पर सफ़ाई देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ये घोषणा की.
कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी ने इस मसले पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग करते हुए लोकसभा से वॉकआउट किया. मुफ़्ती मोहम्द सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा था कि हुर्रियत, पाकिस्तान और आतंकवादियों को भी इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए कि जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हो सका.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सरकार और उनका दल यानि बीजेपी खुद को मुफ़्ती मोहम्द सईद के बयान से अलग करती है. उन्होने जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण और सफल चुनाव के लिए चुनाव आयोग, सेना और राज्य को लोगों को श्रेय दिया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सफ़ाई देते हुए कहा कि मुफ्ती मोहम्द सईद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच विवादित बयान से संबधित कोई बात नहीं हुई.(प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच इस मुद्दे पर जो सदन में उठा है कोई बात नहीं हुई. ये बात में सिर्फ़ विश्वास के आधार पर नहीं कह रहा हूं बल्कि प्रधानमंत्री से बात करने के बाद कह रहा हूं.)
इस मसले को लेकर कांग्रेस के सांसद पी वेणुगोपाल ने स्थगन का प्रस्ताव दिया था. लेकिन लोकसभा स्पीकर ने उन्हे शून्यकाल में ये मामला उठाने की अनुमति दी.
कांग्रेस पार्टी ने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के बयान की मांग की. पार्टी का कहना था इस मसले पर प्रधानमंत्री की सफ़ाई के अलावा सदन से एक प्रस्ताव पास किया जाए. पार्टी के लोकसभा में नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने गृहमंत्री के बयान के बाद ये मांग रखी. (जब प्रधानमंत्री देश में मौजूद हैं तो उनको आना चाहिए और इस पर अपनी टिप्पणी देनी चाहिए. . . .).
समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव भी इस मसले पर सरकार से काफी ख़फ़ा नज़र आए. उनके हस्तक्षेप के बाद ही स्पीकर ने मल्लिकार्जुन खरगे को इस मसले पर बोलने का मौक़ा दिया.
सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री के बयान की मांग ना माने जाने पर कांग्रेस पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया.