गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा साधना शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। मुंबई के ओशिवारा विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। 74 साल की उम्र में साधना का शुक्रवार को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया था।
नम आंखों से साधना को उनके परिवार वालों और चाहने वालों ने अंतिम विदाई दी। साधना के अंतिम संस्कार के मौके पर उनकी साथी अभिनेत्रियां आशा पारेख, वहीदा रहमान और हेलन समेत बॉलीवुड की कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं।
साठ और सत्तर के दशक की बेहतरीन अभिनेत्री साधना ने रुपहले पर्दे पर अपनी दिलकश अदाकारी से लोगों का दिल जीता। साधना का जादू आज भी उनके चाहने वालों के दिलों में बसता है। साधना ने न सिर्फ अदाकारी में बल्कि फैशन में भी अलग मुकाम हासिल किया। चूड़ीदार सलवार का फैशन प्रचलित करने के अलावा उनके बालों का स्टाइल भी काफी मशहूर हुआ। उनके करियर का शानदार दौर करीब डेढ़ दशक तक चला। इस दौरान साधना ने अपने समय के बड़े अभिनेताओं जॉय मुखर्जी, देवानंद, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, मनोज कुमार और शम्मी कपूर के साथ फिल्मों में काम किया।
साधना का जन्म दो सितंबर 1941 को अविभाजित भारत के कराची में हुआ था। विभाजन के बाद 1948 में वो भारत चली आईं। राजकपूर की फिल्म ‘श्री 420′ में बाल कलाकार के रूप में उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद साधना ने लव इन शिमला, हम दोनों, असली-नकली, मेरे महबूब, वो कौन थी, राजुकमार, वक्त, आरजू, मेरा साया जैसी मशहूर हिंदी फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में अपने बेजोड़ अभिनय और खूबसूरती से उन्होंने शोहरत की बुलंदियों को छुआ।
1964 में फिल्म ‘वो कौन थी’ और 1965 में ‘वक्त’ के लिए साधना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर नामांकन मिला। बहुमुखी प्रतिभा की धनी साधना को लोग उनकी अभिनय क्षमता और रुपहले पर्दे पर उनकी मौजूदगी के लिए हमेशा याद रखेंगे।