सरकार बेशक अच्छे दिन लाने का दावा करे लेकिन मॉनसून सत्र में उसके अपने अच्छे दिन नज़र नहीं आ रहे हैं. बीजेपी ने व्यापम घोटाले और ललित मोदी मामले
नरेन्द्र मोदी सरकार मॉनसून सत्र में श्रम क़ानूनों में बड़े बदलावों को संसद से पास कराना चाहती है। सरकार की योजना 44 अलग अलग क़ानूनों को अलग अलग
बिहार में जनतादल यूनाईटेड और राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही इस गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के
बजट सत्र के दूसरे भाग की अवधि बढ़ाई जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार के अलावा विपक्ष भी इस पर सहमत है कि ज़रुरी विधायी काम पूरा करने के लिए
सरकार जीएसटी यानि वस्तु और सेवाकर से जुड़ा संविधान संशेधन विधेयक संसद के इसी सत्र में पास कराने की कोशिश करेगी. लेकिन जीएसटी क़ानून पास कराने में
भूमि अधिग्रहण संशोधन अध्यादेश को फिर से जारी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई का फ़ैसला किया है. इस जनहित याचिका में अध्यादेश की
भाजपा और सरकार में भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कशमकश की स्थिति है. मंगलवार देर रात तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के बड़े नेताओं और
The Select Committee on Coal Mines (special provision) Bill, set up by the Rajya Sabha had adopted the report on Tuesday, March 17. Now the
Mr Jayant Sinha, MOS Finance, said that all the options are open with the government to lead the Insurance Bill pass in the Parliament. Mr Jayant
लोकसभा में कोयला खान संशोधन विधेयक 2015 पास हो गया. सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि इस विधेयक के क़ानून बन जाने से कोयला खानों के आंवटन में
केन्द्र सरकार और बीजेपी ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्द सईद के विवादित बयान से खुद को अलग कर लिया है. लोकसभा में सईद के बयान पर
2011 की जनगणना के अनुसार स्लम बस्तियों में रहने वालों की आबादी बढ़ी है. पिछले 10 सालों में स्लम में रहने वालों आबादी में लगभग डेढ़ करोड़ लोग और
बीजेपी की मुश्किल ये है कि ना सिर्फ़ इस बिल को पास कराने में उसे संसद में कठनाई है बल्कि उसकी असली चिंता ये है कि कहीं उसकी छवि किसान विरोधी न बन जाए.
सोमवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया लेकिन सरकार के सामने सत्र में अध्यादेशों को क़ानून में तब्दील करना सबसे बड़ी चुनौती है. सोमवार को संसदीय