महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार बनाने के लिए सियासी गठजोड़ की कोशिशें शुरु हो गई है. चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी फिर भी सरकार बनाने के लिए उसे समर्थन की दरक़ार है.
भाजपा को महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 122 सीटों पर जीत मिली है. भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना 62 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार ने भाजपा को बाहर से समर्थन की बात दोहराई है. पवार ने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा को बाहर से समर्थन देने को तैयार है. हम राज्य में स्थिर सरकार चाहते हैं. हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करना न करना भाजपा पर निर्भर करेगा.
रविवार को नतीजे आने के बाद भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से भाजपा को समर्थन देने का एलान किया गया था. एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि प्रदेश की जनता ने किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है. ऐसे में स्थिर सरकार के लिए हम राज्य में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को बाहर से समर्थन देने के लिए तैयार है.
कांग्रेस ने एनसीपी के इस प्रस्ताव को पूर्व नियोजित बताया है. महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से सेक्युलर ताक़तों को एक साथ जोड़ने की कोशिश की है. एनसीपी के प्रस्ताव से ऐसा जाहिर होता है कि इस गठबंधन की तैयारी पहले से की जा चुकी है.
उधर शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. अगर भाजपा की ओर से हमारे पास समर्थन को लेकर कोई प्रस्ताव आएगा तो हम बातचीत के लिए तैयार है.
शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि भाजपा अगर चाहे तो एनसीपी के प्रस्ताव को स्वीकार कर राज्य में सरकार बना सकती है.